कंप्यूटर वायरस "Creeper"
Creeper Virus: दुनिया का पहला कंप्यूटर वायरस
आज के डिजिटल युग में कंप्यूटर वायरस एक आम समस्या बन चुके हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहला कंप्यूटर वायरस कौन-सा था? इसका नाम Creeper Virus था, जिसे 1971 में बनाया गया था। यह वायरस आज के खतरनाक वायरस की तरह नहीं था, लेकिन इसने साइबर सुरक्षा की दुनिया में एक नया अध्याय शुरू किया।
Creeper Virus क्या था?
Creeper एक सेल्फ-रिप्लिकेटिंग प्रोग्राम था, जिसे BBN टेक्नोलॉजीज (Bolt, Beranek, and Newman) के इंजीनियर Bob Thomas ने 1971 में डेवलप किया था। इसे ARPANET (जो बाद में इंटरनेट का आधार बना) के लिए बनाया गया था।
Creeper Virus कैसे काम करता था?
Creeper Virus किसी भी कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचाता था, बल्कि यह एक मज़ाकिया प्रयोग था। इसकी कुछ खास विशेषताएँ थीं:
-
यह एक नेटवर्क के जरिए एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फैलता था।
-
जब यह वायरस किसी सिस्टम में पहुंचता था, तो स्क्रीन पर एक संदेश दिखता था –
"I’M THE CREEPER, CATCH ME IF YOU CAN!" -
यह वायरस TENEX ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित कंप्यूटरों में फैलता था।
-
यह वायरस खुद को कॉपी कर सकता था और एक कंप्यूटर से दूसरे में ट्रांसफर हो सकता था।
Creeper Virus को कैसे हटाया गया?
Creeper को हटाने के लिए एक दूसरा प्रोग्राम बनाया गया, जिसे Reaper कहा गया। यह पहला Antivirus Program था, जो Creeper को पहचान कर उसे डिलीट कर सकता था।
Creeper और आज के वायरस में अंतर
विशेषता | Creeper Virus | आधुनिक कंप्यूटर वायरस |
---|---|---|
उद्देश्य | प्रयोग और शोध के लिए | डेटा चोरी, साइबर अटैक, फिरौती |
नुकसान | नहीं | हां, आर्थिक और डेटा हानि |
सेल्फ-रिप्लिकेशन | हां | हां |
टार्गेट | ARPANET सिस्टम | सभी इंटरनेट से जुड़े डिवाइस |
Creeper Virus से हमें क्या सीखने को मिला?
-
नेटवर्क सिक्योरिटी का महत्व – किसी भी कंप्यूटर नेटवर्क को सुरक्षित रखना जरूरी है।
-
एंटीवायरस प्रोग्राम की जरूरत – Creeper के जवाब में Reaper बना, जिससे एंटीवायरस का विकास शुरू हुआ।
-
साइबर हमलों की शुरुआत – भले ही यह वायरस खतरनाक नहीं था, लेकिन इसने आगे चलकर खतरनाक वायरस के लिए रास्ता खोला।
No comments:
Post a Comment