आकाश (Sky)
Sky का ज्योतिष में बहुत महत्व है। ज्योतिष के अनुसार, आकाश में स्थित ग्रह (Planets), नक्षत्र (Constellations), और तारों (Stars) की स्थिति व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर डालती है। जन्म कुंडली (Birth Chart) में आकाश में ग्रहों की स्थिति को देखकर यह अनुमान लगाया जाता है कि किसी व्यक्ति का स्वभाव, जीवन के घटनाक्रम, और भविष्य क्या हो सकता है।
ज्योतिष में आकाश को एक प्रकार से मंच (Stage) माना जाता है, जहाँ ग्रह और नक्षत्र अपनी चालें (Movements) चलते हैं, और इनकी गति और स्थिति का व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए, सूर्य (Sun), चंद्रमा (Moon), मंगल (Mars), शुक्र (Venus) जैसे ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के रिश्तों, करियर (Career), स्वास्थ्य (Health) और मानसिक स्थिति (Mental Health) को प्रभावित करती है।
Division of the Sky (आकाश का विभाजन)
आकाश (Sky) को विभिन्न तरीकों से विभाजित किया गया है, जो ज्योतिष (Astrology), खगोलशास्त्र (Astronomy), और वैदिक मान्यताओं पर आधारित है। मुख्य रूप से इसे निम्नलिखित आधारों पर विभाजित किया जाता है:
1. खगोलीय विभाजन (Astronomical Division)
खगोलशास्त्र के अनुसार, आकाश को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है:
(i) आकाशीय गोलार्ध (Celestial Hemisphere)
पृथ्वी के समान, आकाश को दो भागों में बांटा जाता है:
- उत्तर गोलार्ध (Northern Hemisphere) – पृथ्वी के उत्तर में स्थित तारे और नक्षत्र।
- दक्षिण गोलार्ध (Southern Hemisphere) – पृथ्वी के दक्षिण में स्थित तारे और नक्षत्र।
(ii) आकाशीय विषुवत वृत्त (Celestial Equator)
- यह पृथ्वी के विषुवत रेखा (Equator) का आकाश में प्रक्षेपण है।
- यह आकाश को उत्तरी और दक्षिणी भागों में विभाजित करता है।
(iii) क्रांतिवृत्त (Ecliptic) और राशिचक्र (Zodiac Belt)
- सूर्य के पृथ्वी के चारों ओर भ्रमण करने के मार्ग को क्रांतिवृत्त (Ecliptic) कहा जाता है।
- इसी के चारों ओर 12 राशियों (Zodiac Signs) का मंडल स्थित होता है।
2. वैदिक ज्योतिषीय विभाजन (Vedic Astrological Division)
भारतीय ज्योतिष में आकाश को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है:
(i) 12 राशियाँ (Zodiac Signs)
आकाश को 360 डिग्री में विभाजित किया जाता है, जिसमें 12 राशियाँ (Signs) होती हैं, प्रत्येक 30 डिग्री के क्षेत्र में फैली होती है:
राशि (Sign) | ग्रह स्वामी | तत्व (Element) |
---|---|---|
मेष (Aries) | मंगल | अग्नि (Fire) |
वृषभ (Taurus) | शुक्र | पृथ्वी (Earth) |
मिथुन (Gemini) | बुध | वायु (Air) |
कर्क (Cancer) | चंद्रमा | जल (Water) |
सिंह (Leo) | सूर्य | अग्नि (Fire) |
कन्या (Virgo) | बुध | पृथ्वी (Earth) |
तुला (Libra) | शुक्र | वायु (Air) |
वृश्चिक (Scorpio) | मंगल | जल (Water) |
धनु (Sagittarius) | गुरु | अग्नि (Fire) |
मकर (Capricorn) | शनि | पृथ्वी (Earth) |
कुंभ (Aquarius) | शनि | वायु (Air) |
मीन (Pisces) | गुरु | जल (Water) |
(ii) 27 नक्षत्र (Constellations)
360 डिग्री को आगे 27 नक्षत्रों (Nakshatras) में विभाजित किया जाता है, प्रत्येक नक्षत्र 13°20′ (13 डिग्री 20 मिनट) के क्षेत्र में फैला होता है।
- प्रत्येक नक्षत्र का एक स्वामी ग्रह और चार चरण (पाद) होते हैं।
- पहला नक्षत्र अश्विनी और अंतिम नक्षत्र रेवती होता है।
(iii) 12 भाव (Houses in Astrology)
भारतीय ज्योतिष में जन्म कुंडली (Horoscope) में आकाश को 12 भावों (Houses) में विभाजित किया जाता है, जिन्हें "भाव चक्र" कहा जाता है।
- प्रत्येक भाव 30 डिग्री का होता है और व्यक्ति के जीवन के अलग-अलग पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है, जैसे स्वास्थ्य, धन, करियर, विवाह आदि।
3. दिशाओं के अनुसार आकाश का विभाजन
भारतीय वास्तुशास्त्र और ज्योतिष में आकाश को 10 दिशाओं में विभाजित किया गया है:
- पूर्व (East) – सूर्य उदय की दिशा।
- पश्चिम (West) – सूर्यास्त की दिशा।
- उत्तर (North) – धन, ज्ञान और बुद्धि की दिशा।
- दक्षिण (South) – यम और मृत्यु से संबंधित दिशा।
- ईशान (Northeast) – देवताओं की पवित्र दिशा।
- अग्नि (Southeast) – अग्नि तत्व की दिशा, ऊर्जा और भोजन से संबंधित।
- नैऋत्य (Southwest) – स्थिरता और सुरक्षा की दिशा।
- वायव्य (Northwest) – वायु तत्व की दिशा, संचार और परिवर्तन से संबंधित।
- ऊर्ध्व (Zenith – Up) – ऊपर की दिशा, ब्रह्मांड और आध्यात्मिकता।
- अधो (Nadir – Down) – नीचे की दिशा, पाताल लोक और छुपे हुए रहस्य।
4. आधुनिक वैज्ञानिक वर्गीकरण (Modern Scientific Classification)
(i) खगोलीय क्षेत्र (Celestial Sphere)
- खगोलशास्त्र में आकाश को एक 360 डिग्री के गोले के रूप में माना जाता है।
- इसे 88 तारामंडलों (Constellations) में विभाजित किया गया है।
- कुछ प्रमुख तारामंडल (Constellations) हैं:
- ओरायन (Orion)
- सप्तर्षि मंडल (Ursa Major)
- वृश्चिक (Scorpius)
- सिंह (Leo)
- कन्या (Virgo)
(ii) मिल्की वे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy)
- हमारा सौर मंडल मिल्की वे (Milky Way) नामक गैलेक्सी में स्थित है।
- इसमें अरबों तारे और खगोलीय पिंड शामिल हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
आकाश को खगोलशास्त्र, ज्योतिष, दिशाओं और आधुनिक वैज्ञानिक आधारों पर विभाजित किया गया है।
- खगोलशास्त्र के अनुसार, आकाश को उत्तरी-दक्षिणी गोलार्ध और 88 तारामंडलों में विभाजित किया जाता है।
- वैदिक ज्योतिष में इसे 12 राशियों, 27 नक्षत्रों और 12 भावों में विभाजित किया गया है।
- दिशा वर्गीकरण के अनुसार, आकाश को 10 दिशाओं में बांटा गया है।
- वैज्ञानिक रूप में, हमारा सौर मंडल मिल्की वे गैलेक्सी का एक छोटा सा भाग है।
👉 "आकाश केवल एक खाली स्थान नहीं, बल्कि अनंत रहस्यों से भरा ब्रह्मांड है!" 🚀✨
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