भारतीय शास्त्र (Bharatiya Scriptures) – एक संपूर्ण परिचय

भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का आधार प्राचीन शास्त्रों में निहित है। ये शास्त्र न केवल धार्मिक ग्रंथ हैं, बल्कि दर्शन, नीति, जीवन शैली, चिकित्सा, विज्ञान और राजनीति जैसे विषयों पर गहरी जानकारी भी प्रदान करते हैं।

भारतीय शास्त्रों को दो मुख्य भागों में वर्गीकृत किया जाता है:

  1. श्रुति (Shruti) – "जो सुना गया" (ईश्वरीय ज्ञान)
  2. स्मृति (Smriti) – "जो याद किया गया" (मानव निर्मित ग्रंथ)


1. श्रुति ग्रंथ (Shruti Scriptures) – वेदों का ज्ञान

श्रुति ग्रंथ सबसे प्राचीन और पवित्र माने जाते हैं। इन्हें ईश्वर द्वारा प्रकट किया गया ज्ञान माना जाता है, जिसे ऋषियों ने ध्यान और साधना से सुना और संकलित किया।

(i) वेद (Vedas) – सर्वोच्च ज्ञान के ग्रंथ

वेदों को "अपौरुषेय" (Non-human origin) और सनातन (eternal) माना जाता है। चार वेद इस प्रकार हैं:

  1. ऋग्वेद (Rigveda) – इसमें भजन, स्तोत्र, प्रार्थनाएँ और देवी-देवताओं की स्तुतियाँ हैं।
  2. यजुर्वेद (Yajurveda) – इसमें यज्ञों और अनुष्ठानों की विधियाँ वर्णित हैं।
  3. सामवेद (Samaveda) – इसमें संगीत से जुड़े मंत्र और स्तोत्र हैं।
  4. अथर्ववेद (Atharvaveda) – इसमें जादू, चिकित्सा, नीति और जीवन के व्यावहारिक पक्ष बताए गए हैं।

(ii) ब्राह्मण ग्रंथ (Brahmanas) – कर्मकांड का ज्ञान

  • ये वेदों की व्याख्या करते हैं और यज्ञ-क्रियाओं की विस्तृत जानकारी देते हैं।
  • प्रमुख ग्रंथ: ऐतरेय ब्राह्मण, शतपथ ब्राह्मण, तैत्तिरीय ब्राह्मण।

(iii) आरण्यक ग्रंथ (Aranyakas) – ध्यान और साधना

  • ये जंगलों (अरण्यों) में रहने वाले ऋषियों द्वारा लिखे गए हैं।
  • ध्यान (meditation), तपस्या और वेदांत के गूढ़ रहस्यों पर आधारित हैं।

(iv) उपनिषद (Upanishads) – वेदांत दर्शन

  • इन ग्रंथों में ब्रह्म (Supreme Reality), आत्मा (Soul), मोक्ष (Liberation) और अद्वैत (Non-duality) की गहरी चर्चा की गई है।
  • प्रमुख उपनिषद: ईश, कठ, मांडूक्य, छांदोग्य, बृहदारण्यक उपनिषद आदि।


2. स्मृति ग्रंथ (Smriti Scriptures) – सामाजिक और नैतिक शास्त्र

स्मृति ग्रंथ समय के साथ ऋषियों द्वारा समाज के मार्गदर्शन के लिए लिखे गए।

(i) महाकाव्य (Epics) – इतिहास और नीति ग्रंथ

  1. रामायण (Ramayana) – महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित, भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित।
  2. महाभारत (Mahabharata) – महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित, जिसमें कुरुक्षेत्र युद्ध और श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया गीता ज्ञान है।

(ii) भगवद गीता (Bhagavad Gita) – योग और कर्म का ग्रंथ

  • महाभारत के भीष्म पर्व में स्थित 700 श्लोकों का यह ग्रंथ श्रीकृष्ण और अर्जुन का संवाद है।
  • यह कर्म, भक्ति और ज्ञानयोग का मार्ग दिखाता है।

(iii) पुराण (Puranas) – हिंदू धर्म की कथाएँ

पुराणों में सृष्टि, देवताओं, ऋषियों, राजाओं और ब्रह्मांड की उत्पत्ति से जुड़ी कथाएँ हैं।

  • 18 मुख्य पुराण: श्रीमद्भागवत, विष्णु, शिव, ब्रह्मा, मार्कंडेय, पद्म पुराण आदि।
  • इनमें भक्ति (devotion) और धार्मिक शिक्षाएँ दी गई हैं।

(iv) धर्मशास्त्र और नीति ग्रंथ (Law & Ethics Texts)

  1. मनुस्मृति (Manusmriti) – समाज के नियम और आचार संहिता।
  2. नारदस्मृति (Narada Smriti) – न्याय और कानून पर आधारित।
  3. चाणक्य नीति (Chanakya Niti) – राजनीति और प्रशासनिक ज्ञान।

(v) दर्शनों (Philosophical Systems) के ग्रंथ

भारतीय दर्शन 6 प्रमुख शाखाओं में विभाजित है:

  1. सांख्य दर्शन – प्रकृति और पुरुष का विश्लेषण (महर्षि कपिल)।
  2. योग दर्शन – ध्यान और आत्म-साक्षात्कार (पतंजलि)।
  3. न्याय दर्शन – तर्क और प्रमाण (गौतम)।
  4. वैशेषिक दर्शन – भौतिक तत्वों का विश्लेषण (कणाद)।
  5. मीमांसा दर्शन – वेदों की व्याख्या (जैमिनी)।
  6. वेदांत दर्शन – अद्वैतवाद और ब्रह्म ज्ञान (बादरायण)।


3. अन्य महत्वपूर्ण ग्रंथ

(i) तंत्र और आगम ग्रंथ (Tantra & Agamas)

  • ये ग्रंथ साधना (spiritual practices), ध्यान (meditation), और पूजा पद्धतियों पर आधारित हैं।
  • शिव, शक्ति, विष्णु और गणपति से संबंधित तंत्र ग्रंथ।

(ii) आयुर्वेद, ज्योतिष और वास्तु शास्त्र

  • आयुर्वेद – चिकित्सा प्रणाली (चरक संहिता, सुश्रुत संहिता)।
  • ज्योतिष शास्त्र – ग्रहों और राशियों का अध्ययन (बृहद संहिता, पाराशर होरा)।
  • वास्तु शास्त्र – भवन निर्माण और वास्तु ऊर्जा पर आधारित ग्रंथ।


4. भारतीय शास्त्रों का महत्व (Significance of Indian Scriptures)

  1. धार्मिक मार्गदर्शन – ईश्वर, आत्मा, और मोक्ष का ज्ञान प्रदान करते हैं।
  2. नैतिक शिक्षा – अच्छे आचरण, नीति और धर्म का पालन सिखाते हैं।
  3. वैज्ञानिक दृष्टिकोण – गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और वास्तु में योगदान।
  4. जीवन जीने की कला – व्यक्ति को अपने कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों का बोध कराते हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

भारतीय शास्त्रों की परंपरा वेदों से लेकर महाकाव्यों, पुराणों और दार्शनिक ग्रंथों तक फैली हुई है।

  • श्रुति ग्रंथ – दिव्य ज्ञान का स्रोत।
  • स्मृति ग्रंथ – सामाजिक और नैतिक व्यवस्था का मार्गदर्शन।
  • महाकाव्य और पुराण – धार्मिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संदर्भ।

👉 "भारतीय शास्त्र केवल धर्म ही नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा में ले जाने का एक अद्भुत विज्ञान भी हैं!"