Tally Prime Group in Hindi

Tally Prime में Group एक तरह का श्रेणी है जिसमें खातों को रखा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य खातों को व्यवस्थित करना है ताकि उनके द्वारा उत्पन्न होने वाले लेन-देन को आसानी से ट्रैक और प्रबंधित किया जा सके। हर एक Group में संबंधित खातों को जोड़ा जाता है, जिससे वित्तीय रिकॉर्ड को समझना और ट्रैक करना आसान हो जाता है।

 

Tally Prime में Group के प्रकार

Tally Prime में कुल 28 Predefined Groups होते हैं, जिन्हें 2 प्रमुख श्रेणियों  15 Primary Groups और 13 Subgroupsमें बांटा जा सकता है:

1.Primary Groups (प्राथमिक समूह): ये मुख्य रूप से व्यापार के विभिन्न अकाउंटिंग पहलुओं को कवर करते हैं, जैसे पूंजी खाता, ऋण, संपत्ति, खर्च आदि।

 2. Subgroups (उपसमूह)ये Primary Groups के तहत होते हैं और उन समूहों को और भी विशिष्ट और विस्तृत श्रेणियों में बांटते हैं।

 

Primary Groups (मुख्य समूह)

Tally में कुल 28 Primary Groups होते हैं, जिनके अंतर्गत विभिन्न Sub-Groups या खातों को वर्गीकृत किया जा सकता है। यहां कुछ मुख्य Primary Groups के बारे में विस्तार से बताया गया है:

1. Capital Account (पूंजी खाता) : यह खाता व्यापार की पूंजी, निवेश और शेयरधारकों के धन को रिकॉर्ड करता है। यह खाता व्यापार में मालिकों या शेयरधारकों द्वारा डाली गई धनराशि को दर्शाता है।

उदाहरण: Owner's Capital (स्वामी की पूंजी), Shareholders' Equity (शेयरधारकों की पूंजी)

2. Current Liabilities (वर्तमान दायित्व) : इस समूह में वे दायित्व आते हैं जो एक साल के अंदर चुकता करने होते हैं, जैसे वेतन, उधारी आदि।

उदाहरण: Salary Payable (वेतन देय), Bills Payable (बिल देय), Creditors for Expenses (खर्चों के लिए कर्ज़)

3. Fixed Assets (स्थिर संपत्तियां) : इसमें व्यापार की स्थायी संपत्तियां दर्ज होती हैं, जैसे मशीनरी, भवन, भूमि आदि। ये संपत्तियां व्यापार के लंबे समय तक उपयोग के लिए होती हैं।

उदाहरण: Land (भूमि), Buildings (भवन), Machinery (मशीनरी), Vehicles (वाहन)

4. Loans (ऋण) : इसमें व्यापार द्वारा लिया गया सभी प्रकार का ऋण दर्ज होता है। यह बैंक, वित्तीय संस्थाओं या अन्य स्रोतों से प्राप्त किया जाता है।

उदाहरण: Loan from Bank (बैंक से ऋण), Loan from Directors (निर्देशकों से ऋण)

5. Profit and Loss Account (लाभ और हानि खाता) : यह खाता व्यापार की आय और व्यय को रिकॉर्ड करता है और यह व्यापार के लाभ या हानि को दर्शाता है।

उदाहरण: Gross Profit (सकल लाभ), Net Profit (शुद्ध लाभ), Loss (हानि)

6. Reserves and Surplus (रिजर्व और अधिशेष) : इसमें व्यापार के द्वारा सुरक्षित किए गए फंड्स और अधिशेष राशि दर्ज होती है। यह भविष्य के खर्चों या संकटों के लिए संचित धन होता है।

उदाहरण: General Reserve (सामान्य रिजर्व), Surplus Profit (अधिशेष लाभ)

7. Sundry Creditors (संद्री क्रेडिटर्स) : इसमें वे लेनदार होते हैं जिनसे व्यापार को धन प्राप्त करना है, यानी वे लोग जिन्होंने व्यापार से सामान खरीदा है और अभी तक भुगतान नहीं किया है।

उदाहरण: Supplier A (सप्लायर A), Supplier B (सप्लायर B)

8. Sundry Debtors (संद्री डेबिटर्स) : इसमें वे लोग आते हैं जिनसे व्यापार को पैसे प्राप्त करने होते हैं, यानी व्यापार के ग्राहक जिन्होंने माल लिया है और अभी तक भुगतान नहीं किया है।

उदाहरण: Customer A (ग्राहक A), Customer B (ग्राहक B)

9. Indirect Income (अप्रत्यक्ष आय) : इसमें ऐसी आय शामिल होती है जो व्यापार की मुख्य गतिविधि से नहीं आती, जैसे ब्याज, लाभ आदि।

उदाहरण: Interest Income (ब्याज आय), Profit on Sale of Assets (संपत्ति की बिक्री पर लाभ)

10. Indirect Expenses (अप्रत्यक्ष खर्च) : इसमें अप्रत्यक्ष खर्च जैसे विक्रय पर विपणन खर्च आदि आते हैं, जो व्यापार की मुख्य गतिविधि से संबंधित नहीं होते हैं।

उदाहरण: Advertisement Expenses (विज्ञापन खर्च), Selling Expenses (विक्रय खर्च)

11. Income Accounts (आय खाता) : इसमें व्यापार की आय संबंधित सभी लेन-देन दर्ज होते हैं, जैसे बिक्री से प्राप्त धन।

उदाहरण: Sales of Goods (सामान की बिक्री), Service Income (सेवा आय)

12. Expense Accounts (व्यय खाता) : इसमें व्यापार के खर्चे और व्यय संबंधित लेन-देन आते हैं, जैसे खरीदारी, वेतन, और अन्य सामान्य खर्चे।

उदाहरण: Rent Expenses (किराया खर्च), Salary Expenses (वेतन खर्च)

13. Direct Taxes (प्रत्यक्ष कर) : इसमें व्यापार द्वारा चुकाए गए प्रत्यक्ष कर जैसे आयकर आदि आते हैं। ये कर सीधे व्यापार के आय से संबंधित होते हैं।

उदाहरण: Income Tax (आयकर), Corporate Tax (कॉर्पोरेट कर)

14. Indirect Taxes (अप्रत्यक्ष कर) : इसमें अप्रत्यक्ष कर जैसे GST आदि आते हैं। यह कर उत्पाद या सेवा पर आधारित होते हैं।

उदाहरण: GST Payable (GST देय), VAT (Value Added Tax)

15. Current Assets (वर्तमान संपत्तियां) : इसमें वे संपत्तियां आती हैं जो एक वर्ष के अंदर नकद में बदली जा सकती हैं, जैसे माल, खाता बकाया आदि।

उदाहरण: Accounts Receivable (खाता बकाया), Stock in Trade (विक्रय के लिए माल), Cash (नकद)

 

Subgroups (उपसमूह)

Tally Prime में 13 Subgroups होते हैं जो Primary Groups के तहत आते हैं। ये उपसमूह Primary Groups को और अधिक व्यवस्थित करते हैं, जिससे वित्तीय रिपोर्ट्स तैयार करना आसान होता है। Subgroups का उद्देश्य व्यापार के खाता प्रकारों को और अधिक सटीकता से वर्गीकृत करना है।

1. Bank Accounts (बैंक खाता) : यह खाता व्यापार के बैंक खाता के लेन-देन को रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें सभी बैंक डिपॉज़िट, निकासी, और अन्य बैंक से संबंधित लेन-देन आते हैं।

उदाहरण: Current Account, Savings Account, Fixed Deposit Account आदि।

2. Cash Accounts (नकद खाता) : यह खाता व्यापार के नकद लेन-देन को ट्रैक करता है, जैसे कि पैसे का आना-जाना। इसमें सभी नगद भुगतान और प्राप्ति शामिल होते हैं।

उदाहरण: Cash in Hand, Cash Sales, Cash Purchases आदि।

3. Purchase Accounts (खरीद खाता) : यह खाता व्यापार में की गई खरीदारी को रिकॉर्ड करता है। इसमें माल, सेवाएं या अन्य चीजें जो व्यापार के लिए खरीदी जाती हैं, शामिल होती हैं।

उदाहरण: Purchase of Goods, Purchase of Raw Materials आदि।

4. Sales Accounts (बिक्री खाता) : यह खाता व्यापार द्वारा की गई बिक्री को रिकॉर्ड करता है। इसमें सामान या सेवाओं की बिक्री से उत्पन्न आय को ट्रैक किया जाता है।

उदाहरण: Sales of Goods, Sales of Services आदि।

5. Stock-in-Hand (स्टॉक-इन-हैंड) : यह खाता व्यापार के पास उपलब्ध माल या वस्तु के स्टॉक को दर्शाता है। इसे इन्वेंटरी के रूप में देखा जा सकता है।

उदाहरण: Raw Material Stock, Finished Goods Stock, Work-in-Progress आदि।

6. Sundry Debtors (संद्री डेबिटर्स) : यह खाता उन ग्राहकों को दर्शाता है जो व्यापार से कुछ सामान या सेवाएं खरीदने के बाद भुगतान नहीं करते हैं। इसे "Accounts Receivable" भी कहा जाता है।

उदाहरण: Customer A, Customer B आदि।

7. Sundry Creditors (संद्री क्रेडिटर्स) : यह खाता उन सप्लायर्स या विक्रेताओं को दर्शाता है, जिन्हें व्यापार ने माल या सेवाएं प्राप्त करने के बाद अभी भुगतान नहीं किया है। इसे "Accounts Payable" भी कहा जाता है।

उदाहरण: Supplier A, Supplier B आदि।

8. Miscellaneous Expenses (विविध व्यय) : यह खाता उन खर्चों को रिकॉर्ड करता है जो सामान्यत: किसी विशेष श्रेणी में नहीं आते। यह छोटे-मोटे, अस्थायी और अप्रत्याशित खर्चों के लिए होता है।

उदाहरण: Office Stationery, Postage, Freight Charges आदि।

9. Suspense Account (सस्पेंस खाता) : यह खाता अस्थायी रूप से उपयोग किया जाता है जब किसी लेन-देन को पूरी तरह से सही तरीके से रिकॉर्ड नहीं किया जाता। इसे सही खाता बनने तक रखा जाता है।

उदाहरण: जब किसी लेन-देन का सही खाता पहचान में नहीं आता, तब इसे Suspense Account में डाल दिया जाता है।

10. Loans and Advances (ऋण और अग्रिम) : यह खाता उन पैसों को रिकॉर्ड करता है जो व्यापार ने उधार लिए हैं या जिनका अग्रिम भुगतान किया गया है। इसमें ऋण प्राप्ति और अग्रिम भुगतान की जानकारी होती है।

उदाहरण: Loan from Bank, Advance to Employees आदि।

11. Provisions (प्रावधान) : यह खाता उन संभावित खर्चों या दायित्वों को दर्शाता है, जिनके बारे में अनुमान लगाया गया हो, लेकिन अभी तक उनका भुगतान नहीं हुआ है।

उदाहरण: Provision for Tax, Provision for Bad Debts आदि।

12. Investments (निवेश) : यह खाता उन निवेशों को दर्शाता है जो व्यापार ने अन्य कंपनियों या संपत्तियों में किया है। यह आमतौर पर लंबी अवधि के निवेश होते हैं।

उदाहरण: Investment in Shares, Investment in Bonds आदि।

13. Reserve Fund (रिजर्व फंड) : परिभाषा: यह खाता उस धन को दर्शाता है जो व्यापार भविष्य में किसी विशेष उद्देश्य के लिए सुरक्षित रखता है। यह अकाउंट स्थिरता बनाए रखने के लिए होता है।

उदाहरण: General Reserve, Capital Reserve आदि।

 

Tally Prime में Groups के लाभ

  1. संगठित खाता प्रबंधन: Groups का उपयोग करने से सभी खातों को एक वर्ग में व्यवस्थित किया जाता है, जिससे उनका ट्रैकिंग सरल और सटीक हो जाता है।
  2. रिपोर्ट्स की सुविधा: Tally Prime में Groups का सही उपयोग करने से आप आसानी से विभिन्न प्रकार की वित्तीय रिपोर्ट्स जैसे Profit and Loss Statement, Balance Sheet, आदि तैयार कर सकते हैं।
  3. टैक्स और अन्य आवश्यकताओं का प्रबंधन: विभिन्न टैक्स जैसे GST, Income Tax, आदि के लिए अलग-अलग Groups बनाए जा सकते हैं, जिससे कर निर्धारण और रिपोर्टिंग आसान हो जाती है।
  4. निर्णय लेने में सहायक: Groups की मदद से आप अपने व्यापार की वित्तीय स्थिति को समझ सकते हैं और बेहतर निर्णय ले सकते हैं।

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