चालान बनाने के नियम (Rules for Generating GST Invoice)
GST चालान (Invoice) को सही तरीके से बनाना और उसे GST के अनुसार प्रमाणित करना आवश्यक है। GST चालान में न केवल वस्त्र या सेवाओं की जानकारी होती है, बल्कि इससे करदाता के बीच व्यापार की पारदर्शिता और ट्रैकिंग भी सुनिश्चित होती है। यहां विस्तृत जानकारी दी गई है जो GST चालान तैयार करते समय ध्यान में रखनी चाहिए:
1. चालान में शामिल जानकारी (Details to Include in the Invoice):
चालान में निम्नलिखित विवरण होना अनिवार्य है:
a. चालान नंबर और दिनांक (Invoice Number and Date):
- चालान का एक यूनिक नंबर होना चाहिए, जो लगातार बढ़ता हुआ क्रम में हो।
- चालान की तारीख जब सेवाएं या सामान प्रदान किया गया हो या जब भुगतान प्राप्त हुआ हो।
b. विक्रेता और खरीदार का विवरण (Details of Seller and Buyer):
- विक्रेता का नाम, पंजीकरण संख्या (GSTIN), व्यवसाय का पता, और संपर्क विवरण (जैसे फोन नंबर और ईमेल)।
- खरीदार का नाम, पंजीकरण संख्या (GSTIN), और पता (यदि खरीदार GST के तहत पंजीकृत है)।
यदि खरीदार GSTIN के तहत पंजीकृत नहीं है, तो केवल उनका नाम और पता होना चाहिए।
c. वस्तु/सेवा का विवरण (Description of Goods or Services):
- सामान का विवरण: नाम, प्रकार, मात्रा, यूनिट मूल्य, और HSN कोड।
- सेवाओं का विवरण: सेवा का नाम, प्रकार, SAC कोड, और सेवा की अवधि।
- प्रत्येक वस्तु या सेवा का विवरण स्पष्ट रूप से दिया जाना चाहिए, ताकि दोनों पक्षों के लिए जानकारी समझना सरल हो।
d. कर विवरण (Tax Details):
- GST की दरें (CGST, SGST, IGST): आपूर्ति की प्रकृति के आधार पर, चालान में राज्य कर (SGST/CGST) या केंद्र कर (IGST) दर्ज किया जाता है।
- CGST और SGST (एक राज्य के भीतर व्यापार के लिए)।
- IGST (राज्य से बाहर की आपूर्ति के लिए)।
- टैक्स की कुल राशि का उल्लेख करें।
- कुल कर योग्य मूल्य और कुल कर का जोड़।
e. कुल मूल्य (Total Value):
- चालान में वस्तु/सेवा की कुल मूल्य (Taxable Value) और उस पर लागू कर (GST) का विवरण होना चाहिए।
- कुल मूल्य (मूल्य + कर) का उल्लेख करें।
2. GSTIN की आवश्यकता (GSTIN Requirement):
a. विक्रेता का GSTIN:
- यदि विक्रेता GST के तहत पंजीकृत है, तो उसे GSTIN (GST Identification Number) चालान में दर्ज करना चाहिए।
b. खरीदार का GSTIN:
- यदि खरीदार GSTIN के तहत पंजीकृत है, तो उनका GSTIN चालान में होना चाहिए।
- यदि खरीदार GSTIN के तहत पंजीकृत नहीं है, तो चालान में GSTIN की आवश्यकता नहीं होती है।
3. HSN/SAC कोड (HSN/SAC Code):
a. HSN Code (Harmonized System of Nomenclature):
- सामान के लिए HSN (Harmonized System of Nomenclature) कोड का उपयोग किया जाता है।
- HSN कोड 6 अंकों का होता है, जो वैश्विक स्तर पर वस्त्रों और उत्पादों की पहचान करता है।
b. SAC Code (Services Accounting Code):
- सेवाओं के लिए SAC (Services Accounting Code) का उपयोग किया जाता है।
- SAC कोड का उपयोग करके विभिन्न प्रकार की सेवाओं को वर्गीकृत किया जाता है।
4. GST दर का उल्लेख (GST Rate):
- GST दर (Tax Rate) को सही तरीके से चालान में दर्शाना चाहिए। यह सामान्यतः 5%, 12%, 18%, और 28% के बीच होती है।
- आपूर्ति की प्रकृति के अनुसार, GST के विभिन्न घटक होंगे:
- CGST (Central GST), SGST (State GST), या IGST (Integrated GST)।
5. चालान जारी करने का समय (Timing of Issuing the Invoice):
- सामान के लिए:
- सामान के लिए, चालान की जारी करने की तारीख वह होनी चाहिए जब सामान की आपूर्ति की जाती है या भुगतान प्राप्त किया जाता है।
- सेवाओं के लिए:
- सेवाओं के लिए, चालान जारी करना उस दिन होना चाहिए जब सेवा प्रदान की जाती है, या जब भुगतान प्राप्त किया जाए।
- यदि सामान की आपूर्ति और भुगतान में अंतर हो, तो चालान जारी होने का समय उपयुक्त स्थिति पर निर्भर करेगा।
6. ई-चालान (E-Invoice):
- यदि किसी व्यापारी का वार्षिक टर्नओवर ₹10 करोड़ या उससे अधिक है, तो उसे ई-चालान जनरेट करना अनिवार्य होता है।
- ई-चालान प्रणाली GSTN पोर्टल द्वारा दी जाती है और इसमें एक QR कोड और IRN (Invoice Reference Number) शामिल होता है।
7. अन्य आवश्यकताएँ (Other Requirements):
सॉफ़्टवेयर का उपयोग:
GST अनुपालन के लिए कई सॉफ़्टवेयर उपलब्ध हैं जो चालान तैयार करने और रिटर्न फाइलिंग में मदद करते हैं।नकली चालान से बचाव:
चालान में सभी जानकारी सही और वास्तविक होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।
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