GST की शुरुआत और भारत में GST इतिहास।
जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) एक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है जो एक देश में वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लागू करता है। इसका उद्देश्य व्यापार में पारदर्शिता लाना, कर संग्रहण प्रक्रिया को सरल करना और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है।
जीएसटी का इतिहास
पहला विचार (Early Thoughts)
- जीएसटी का विचार पहली बार 1954 में फ्रांस में आया था। इसके बाद, कई देशों ने इसे अपनाया।
- भारत में जीएसटी की अवधारणा 1991 में आर्थिक सुधारों के दौरान उठी, जब भारत को एक नए कर प्रणाली की आवश्यकता महसूस हुई।
भारत में जीएसटी की शुरुआत (Introduction of GST in India)
- 2000: भारत में जीएसटी पर विचार किया गया था, और 2000 में के.ल. श्रीनिवासन समिति ने अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें जीएसटी को लागू करने की सिफारिश की गई।
- 2006: भारत सरकार ने पहली बार जीएसटी को लागू करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन कई तकनीकी और राजनीतिक कारणों से इसे तत्काल लागू नहीं किया जा सका।
- 2014: मोदी सरकार ने जीएसटी के लागू करने की प्रक्रिया को गति दी, और 2016 में जीएसटी विधेयक को संविधान में संशोधन के रूप में पारित किया गया।
जीएसटी काउंसिल का गठन (Formation of GST Council)
- 2016: जीएसटी काउंसिल का गठन किया गया, जिसमें केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल थे। इसका उद्देश्य जीएसटी की संरचना और नियमों को तय करना था।
जीएसटी का लागू होना (GST Implementation)
- 1 जुलाई 2017: भारत में जीएसटी लागू हुआ। यह भारत की कर प्रणाली में एक बड़ा बदलाव था, क्योंकि पहले कई तरह के अप्रत्यक्ष करों का संग्रह होता था, जैसे वैट, सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी, आदि। अब इन सभी को एकल जीएसटी प्रणाली में समाहित कर दिया गया।
- जीएसटी के लागू होने से व्यापार और उद्योग को एक समान कर प्रणाली मिली, जिससे व्यापार करना आसान हुआ और कर चोरी पर नियंत्रण पाया गया।
जीएसटी के प्रमुख उद्देश्य
- "एक देश, एक कर" प्रणाली लागू करना, जिससे व्यापार और व्यापारियों को सरल और पारदर्शी वातावरण मिले।
- विभिन्न करों का विलय: जीएसटी ने देश भर में लागू होने वाले विभिन्न अप्रत्यक्ष करों (जैसे, वैट, सर्विस टैक्स, एक्साइज ड्यूटी आदि) को एक ही कर में समाहित किया।
- आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना: जीएसटी ने लॉजिस्टिक्स और व्यापार में सुधार किया, जिससे भारत के व्यापारियों को लाभ हुआ।
- प्रत्येक लेन-देन पर टैक्स: जीएसटी प्रत्येक लेन-देन पर टैक्स वसूलने की प्रक्रिया को सरल बनाता है और इससे सरकार को बेहतर टैक्स संग्रहण का अवसर मिलता है।
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